शनिवार, 21 मई 2011

हम सब में राष्ट्र और राष्ट्रीयता की भावना का जागरण वक्त की आवश्यकता हो गया है। हम में कम होता आत्मविष्वास और एकता ने बह संवेदनशील मुद्दों पर हमारे मौन ने अवसरवादियों के हौसले को बढ़ाया है। अज्ञानता अवसरवादिता अंधविश्वास अपव्यय व अन्याय ने हमारे विकास को अवरुद्ध कर रखा है। आज हमें निम्नलिखित पांच "अ" से लड़ने की सख्त आवश्यकता हैः- १- अज्ञानता २- अवसरवादिता ३- अंधविश्वास ४- अपव्यय ५- अन्याय इसके साथ ही धर्म, क्षेत्र, जात व वर्ग की भावना से उपर उठकर हमें यह संकल्प लेना है किः- अलग है भाषा, धर्म, जात और प्रान्त, भेष, परिवेष पर हम सब का एक है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ ॰॰॰॰॰॰॰॰ और मुझे पूरा विष्वास है मार्गदर्शन में इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.....
"I am an Indian and owe duty to my work and all my countrymen. Whether I am a Hindu or a Mohammedan, a Parsi, a Christian, or of any other creed, I am above all an Indian. Our country is India and our nationality is Indian."